आज सीतामढ़ी अखिल भारतीय पूर्व सैनिक संगठन द्वारा, कारगिल में शहीद मेजर चंद्रभूषण द्विवेदी जी को श्रद्धांजलि दिया गया।
कारगिल शहीद मेजर चंद्रभूषण द्विवेदी को दी गई श्रद्धांजलि सीतामढ़ी: अखिल भारतीय पूर्व सैनिक संगठन, वेटरन्स इंडिया सीतामढ़ी, ने कारगिल शहीद मेजर चंद्रभूषण द्विवेदी के शहादत दिवस पर नगरपालिका विद्यालय के प्रांगण में स्थित उनके स्मारक स्थल पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत चंदन वंदन और पुष्प माला अर्पित कर हुई, जिसमें सैकड़ों…
कारगिल शहीद मेजर चंद्रभूषण द्विवेदी को दी गई श्रद्धांजलि
सीतामढ़ी: अखिल भारतीय पूर्व सैनिक संगठन, वेटरन्स इंडिया सीतामढ़ी, ने कारगिल शहीद मेजर चंद्रभूषण द्विवेदी के शहादत दिवस पर नगरपालिका विद्यालय के प्रांगण में स्थित उनके स्मारक स्थल पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत चंदन वंदन और पुष्प माला अर्पित कर हुई, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए।
डॉ. रेणु चटर्जी ने बताया कि कारगिल युद्ध के दौरान 2 जुलाई 1999 को मेजर चंद्रभूषण द्विवेदी ने वीरगति प्राप्त की थी। उस समय वे 315 फिल्ड रेजिमेंट के उप कमान अधिकारी के पद पर सेवारत थे और अपने साथी जवानों की सुरक्षा करते हुए शहीद हो गए थे। उनकी बहादुरी और बलिदान को याद करते हुए डॉ. चटर्जी ने कहा, “मेजर द्विवेदी का योगदान हमारे देश की सुरक्षा के लिए अनमोल है। उनका बलिदान हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।”
वेटरन्स इंडिया सीतामढ़ी के अध्यक्ष रामबाबू महतो ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “सरकार शहादत के वक्त बहुत बड़े-बड़े वादे करती है, परंतु उसे पूरा नहीं करती। यह चिंता का विषय है।” उन्होंने स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे शहीदों की स्मृतियों का सम्मान करें और उनके स्मारकों की मरम्मत एवं सौंदर्यीकरण पर ध्यान दें।
संगठन के जिला कार्यकारी अध्यक्ष, पूर्व सैनिक अनिल कुमार ने बताया कि नगरपालिका विद्यालय के प्रांगण में बना स्मारक स्थल जर्जर स्थिति में है और कारगिल चौक स्थित कारगिल द्वार की भी मरम्मत एवं सौंदर्यीकरण की जरूरत है। उन्होंने कहा, “स्थानीय प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर नहीं है। यह हमारे लिए बहुत दुखद है कि हमारे शहीदों के स्मारक ऐसे हालत में हैं।”
कार्यक्रम के संरक्षक डॉ. प्रतिमा आनंद ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “हमें शहीदों की शहादत को याद रखना चाहिए और उनकी कहानियों को अपने बच्चों को सुनाना चाहिए। धार्मिक स्थलों की तरह हमें इन स्थानों पर भी लोगों का आना-जाना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि इनका रखरखाव बेहतर हो सके।
कार्यक्रम में पूर्व सैनिक विरेंद्र यादव, सुबेदार लक्ष्मी प्रसाद, सुबेदार राम इकबाल भगत, युवा टीम के विजय पासवान, महिला विंग की अध्यक्ष सावित्री प्रसाद, विद्यालय की प्रधान शिक्षिका श्रीमती अंजू कुमारी, अंजुमन बानो, पुष्पा कुमारी, पूनम सिंह, नित्यानंद सिंह, अमित कुमार चौधरी, अंजू रानी, मीना रानी, किरण कुमारी, रश्मि कुमारी, रेखा कुमारी, कुमारी रत्ना, अलका कुमारी, मीना कुमारी, बिणा कुमारी समेत सभी लोगों ने शहीद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर बोलते हुए महिला विंग की अध्यक्ष सावित्री प्रसाद ने कहा, “मेजर द्विवेदी की शहादत हमारे लिए गर्व की बात है। उनके बलिदान को हम कभी नहीं भूल सकते। हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
विद्यालय की प्रधान शिक्षिका श्रीमती अंजू कुमारी ने कहा, मेजर द्विवेदी ने अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया। हमें उनके बलिदान को सदा याद रखना चाहिए और उनके आदर्शों पर चलना चाहिए। यह हमारी नई पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी है।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने मेजर द्विवेदी के बलिदान को नमन करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनके बलिदान की गाथा को हमेशा याद रखने का संकल्प लिया। इस अवसर पर कई अन्य पूर्व सैनिकों और समाजसेवियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कारगिल शहीद मेजर चंद्रभूषण द्विवेदी की शहादत दिवस पर यह कार्यक्रम उनके बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि थी। उनके बलिदान और वीरता की गाथा हमें सदैव प्रेरित करती रहेगी। उनके सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम ने हमें यह याद दिलाया कि हमारे देश की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए कई वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। ऐसे वीर शहीदों का सम्मान और स्मरण हमारा कर्तव्य है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि शहीदों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता और उनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी। ऐसे आयोजन न केवल शहीदों का सम्मान करते हैं बल्कि समाज को एकजुट कर देशभक्ति और एकता की भावना को भी प्रबल बनाते हैं। वैसे आपको यहआर्टिकल पढ़ने में कैसा लगा कमेंट बॉक्स जरुर लिखे।